Adhar Card New Update: भारतीय नागरिकों के लिए आधार कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है, लेकिन अब नई नियमावली के अनुसार, जन्म के बाद केवल एक बार ही आधार कार्ड में करेक्शन संभव होगा।
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडियाकी ओर से आधार कार्ड नियमावली में बड़ा बदलाव किया है अब नए नियमों के मुताबिक नागरिक अपने आधार कार्ड में जेंडर और डेथ ऑफ बर्थ को जीवन में सिर्फ एक बार ही बदल सकते हैं
अगर इसमें किसी भी प्रकार की आधार कार्ड बनाते वक्त गलती कर दी गई है तो आपको सिर्फ एक बार मौका मिलेगा इसे सुधार करने का इसके अलावा शादी के बाद कोई महिला अपना सरनेम बदलना चाहती है तो उन्हें इस काम के लिए दो बार सरनेम बदलने का मौका मिलेगा
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इस नए निर्णय से ऐसे परिवारों को राहत मिलेगी जो नियमों के कारण आधार कार्ड बनवाने में समस्याओं का सामना कर रहे थे।
अब अभिभावक आसानी से एक साल के भीतर ही अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवा सकेंगे और आवश्यक करेक्शन करवा पाएंगे।
सत्यापन के लिए प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट:
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि जन्म या मृत्यु का पंजीकरण एक साल के अंदर नहीं किया गया है, तो सत्यापन के लिए प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट या प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट के पास पंजीकरण कराने की अनुमति होगी।
हालांकि, यह भी उल्लेख किया गया है कि अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों का आधार कार्ड एक साल के भीतर बनवा लेते हैं। लेकिन, कुछ मामलों में, विशेषकर उन बच्चों के लिए जो अस्पताल की बजाय घर पर पैदा होते हैं, जन्म प्रमाण-पत्र का अभाव आधार कार्ड बनवाने में कठिनाई पैदा करता है।